11 मुखी रुद्राक्ष को भगवान् शिव का रौद्र रूप माना जाता है। अगर किसी जातक के घर – परिवार में किसी भी प्रकार की बाधा है, तो उनके लिए 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करना वरदान साबित होता है।
11 मुखी रूद्राक्ष को प्रत्येक प्रकार के संकट क्लेश, उलझन व समस्याओं को दूर करने, अथवा पराक्रम, साहस और आत्मशक्ति को बढ़ाता है।
भगवान शंकर जिनके अक्ष के आंसू से रुद्राक्ष उत्पन्न हुआ है उन्हीं भगवान शिव के ग्यारह रुद्रों का प्रतीक है, ग्यारह मुखी रुद्राक्ष। इसके धारक को भगवान शंकर की कृपा पाने के लिए सबसे उत्तम रुद्राक्ष माना गया है।
11 मुखी रुद्राक्ष के लाभ
- 11 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से रोग – दोष से रक्षा होती है।
- अभिमंत्रित 11 मुखी रुद्राक्ष को व्यापार स्थल में रखने से व्यापार में वृद्धि होती है।
- अभिमंत्रित 11 मुखी रूद्राक्ष को धारण करने से गणेश व लक्ष्मी दोनों की कृपा बनी रहती है। जिससे धन धान्य और मान – सम्मान में कमी नहीं आती है।
- राजनीति, कूटनीति व् हर प्रकार के क्षेत्र में ग्यारह मुखी रुद्राक्ष का धारक सर्वत्र विजय होता है।
- संतान प्राप्ति की चाहत रखने वाले लोगों को भी 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से लाभ होता है।
11 मुखी रुद्राक्ष की प्रयोग विधि
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को मंगलवार की होरा में धारण करना चाहिए। सर्वप्रथम स्नान करने के पश्चात रुद्राक्ष को गोमूत्र अथवा गंगाजल, दही, शहद, कच्चे दूध से साफ़ करना चाहिए। इसके बाद शिवजी के पंचाक्षार मंत्र “ॐ नम: शिवाय” का 108 बार जाप करते हुए रुद्राक्ष को चन्दन, बेलपत्र, लाल पुष्प अर्पित करें। इसके बाद रुद्राक्ष को धुप – अगरबती दिखाकर उत्तर या पूर्व की ओर मुख करके मंत्र का जाप करने के बाद इसे गले में धारण करें या मंदिर में रख दें।
मंत्र:- “ऊं ह्रींहूं नम:”
हमसे क्यों लें
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को हमारे पंडितजी द्वारा अभिमंत्रित कर के आपके पास भेजा जाएगा, जिससे आपको शीघ्र अति शीघ्र इसका पूर्ण लाभ मिल सके।
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